आर्थिक राष्ट्रीय

राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच दोनों कृषि बिल ध्वनि मत से पास

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दीन दयाल 

Rajy Sabha  Kissan bill 2020

नई दिल्ली , 21 सितंबर।  मोदी सरकार ने रविवार को विपक्ष के भारी हंगामे के बीच दो कृषि बिल पास करा लिए है।  हालांकि पिछले कई दिनों से सवाल उठ रहे थे कि लोकसभा में बहुमत के साथ कृषि बिल पास करा लिए ,  मगर बहुमत के आभाव में राज्य सभा में यह बिल कैसे पास होगा।  क्योकि यहाँ सरकार के पास नंबर की बात करे तो सरकार के पास नहीं है , माना जा रहा था कि राज्यसभा में कृषि बिल आसानी से पास नहीं होगा।  विपक्ष इस बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजना चाहता था मगर सरकार ने  रविवार को किसानो से जुड़े दोनों बिलों को पास करा लिया। राज्य सभा में रविवार को विपक्ष के हंगामे ने एक बार फिर ” महिला आरक्षण बिल ” पर संसद में हुए विपक्ष के हंगामे की तस्वीर ताजा कर दिया है जब इस बिल पर चर्चा के दौरान बिल की पार्टियों को फाड् दिया गया था ।  विपक्ष ने सदन में उपसभा पति हरिवंश के समक्ष भारी हंगामा किया। इसके चलते सदन की कार्यवाही बीच में स्थगित भी हुई।  बताया जा रहा है कि सदन में हंगामा करने वाले सदस्य पर कार्यवाही हो सकती है ऐसा सूत्रों के हवाले से खबर है।

राज्य सभा में कृषि बिल पर चर्चा के बाद विपक्ष इस बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजे जाने पर मतविभाजन के प्रस्ताव की मांग कर रहा था लेकिन उपसभा पति हरिवंश ने विपक्ष की मांग पर गौर नहीं किया।  जब बिल ध्वनिमत से पास कराया जाने लगा तो यह बात विपक्ष को नागँवार गुजरी।  डेरेक ओ ब्रायन सहित टीएमसी और कांग्रेस के सदस्य वेळ में आ गए।  इस दौरान डेरेक उपसभापति के आसान के करीब आ गए और रूलबुक  दिखाने लगे।  इस बीच किसी ने रूलबुक आसन की तरफ हवा में लहरा दी।  इस दौरान डेरेक चेयर के पास आ गए तो सदन में मौजूद मार्शल ने उन्हें रोका।  इस हंगामे में टीएमसी सांसद ने माइक खींचा और वह टूट गया। इस बीच सदन में बिल की कॉपी फाड़कर हवा में उड़ाई गई।  इस बीच राज्यसभा टीवी  की आवाज बंद कर दी गई।

राज्यसभा में कृषि बिल पर विपक्ष के जोरदार हंगामे को सरकार की तरफ से निंदनीय बताया जा रहा है।  उधर विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह विपक्ष की आवाज को दबाना छह रही है और विपक्ष जनता की  आवाज को बुलंद करता रहेगा।  विपक्ष ने राज्य सभा टीवी की आवाज को बंद करने पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी है विपक्ष की आवाज देश न सुन पाए इसलिए आवाज बंद कर दी गए यह सरकार की शरारत है।  इस बीच सदन में विपक्ष और मार्शल के बीच धक्का – मुक्की भी हुई।  सदान में भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित कर दी गई।  सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई तो विपक्ष की तरफ से नारेबाजी और हंगामा चलता रहा।  इस दौरान कृषि के दोनों बिल ध्वनिमत से पास करा लिए गए।  विपक्ष ने भरी हंगामे के बीच उपसभापति हरिवंश के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया।  कांग्रेस सांसद अहमद पटेल ने कहाकि उन्हें लोकतंत्र की परंपराओ की रक्षा करनी चाहिए थी।  मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया।

राज्य सभा में कर्षि मंत्री नरेंद्र तोमर ने दोनों बिलो को ऐतिहासिक बताया और किसानो के जीवन में क्रन्तिकारी बदलाव लाएगा।  सदन में कांग्रेस , टीएमसी और विपक्ष ने बिल का विरोध किया तो वाईएसआर कांग्रेस ने बिल का खुलकर समर्थन किया।  पार्टी के सांसद वी विजय रेड्डी ने विपक्ष के विरोध को बेतुका बताया और कांग्रेस की जमकर आलोचना की।  कांग्रेस सदस्य प्रताप बाजवा ने बिल पर चर्चा करते हुए सवाल किया कि अगर सरकार किसानो के साथ है तो सरकार में शामिल अकाली दल क्यों खिलाफ है। और विरोध कर रही।  टीएमसी के डेरेक ने कहाकि प्रधानमंत्री किसानो को गुमराह कर रहे है।  जबकि एसपी की तरफ से रामगोपाल यादव ने कहाकि ऐसा लगता है सरकर पर कोई दवाब है वहइन बिलो पर चर्चा नहीं चाहती। उधर शिरोमणि अकाली दल के नरेश गुजराल ने कहाकि यह बिल पंजाब की किसानो के खिलाफ है। उन्होंने कहाकि इस बिल को प्रवर समिति को भेज देना चाहिए।  जबकि आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने दोनों कृषि बिल को पूर्ण तोर पर किसानो के खिलाफ बताया।

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