दिल्ली

कांग्रेस का सीएम निवास पर साप्ताहिक बाजार शुरू करने की मांग को लेकर प्रदर्शन 

Spread the love
Delhi Congress Party / CM Arvind Kejriwal 
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर।  दिल्ली कांग्रेस कार्यकर्ताओं और रेहड़ी पटरी साप्ताहिक बाजार यूनियनां के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली सरकार द्वारा साप्ताहिक बाजारों को खोलने में देरी करने के खिलाफ आज सिविल लाईन्स स्थित दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द के आवास का घेराव किया, क्यांकि उनकी अजीविका प्रभावित हो रही है। रेहड़ी पटरी/ साप्ताहिक बाजार वाले लोग कोविड-19 महामारी के कारण 22 मार्च, 2020  से लगे लॉकडाउन से ही बेरोजगार हो गए थे, जबकि मोदी सरकार और दिल्ली सरकार ने इस संकट के दौर में इनकी कोई मदद नही की। रेहड़ी पटरी वालों के रोजी रोटी कमाने के सारे रास्ते बंद होने कारण भारी आर्थिक संकट से गुजर रहे है। मोदी सरकार और अरविन्द सरकार के इशारे पर पुलिस ने सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं और रेहड़ी पटरी यूनियन के लोगों को गिरफ्तार करके मौरिस नगर थाने ले गई।

मुख्यमंत्री घेराव कार्यक्रम में मुख्य रुप से प्रदेश उपाध्यक्ष श्री जय किशन, मुदित अग्रवाल, अली मेंहदी, पूर्व विधायक वीर सिंह धींगान, परवेज आलम, जिला अध्यक्ष हरी किशन जिंदल, ब्रहम ढीकिया, रेहड़ी पटरी यूनियन का अध्यक्ष सुरेश चंद,समय सिंह सेनी, दीपक सहित सैंकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता और यूनियन के कार्यकर्ता मौजूद थे।

कांग्रेस नेताओं और रेहड़ी पटरी यूनियन के नेताओं ने कहा कि साप्ताहिक बाजारों से रेहड़ी पटरी वालों की न केवल जीविका चलती है, बल्कि यह बाजार आम जनता के लिए रयायती दरों पर जरुरत की चीजों की पूर्ति करते है, परंतु मोदी सरकार और अरविन्द सरकार दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार द्वारा रेहड़ी पटरी यूनियन की मांग के लिए कई बार निवेदन करने के बावजूद साप्ताहिक बाजारों को खोलने की दिशा में कोई सहानूभूति नही दिखा रहे है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार चुनावी राजनीति के तहत कॉर्पोरेटस को फायदा पहुॅचाने के किसान विरोधी बिल पास करने में व्यस्त थे जबकि अरविन्द सरकार साप्ताहिक बाजार खोलने जैसे जरुरी मुद्दों का हल निकालने की बजाय दूसरे राज्यों के मामलों में राजनीतिक जमीन तलाशने में लगी है, जहां उनकी कहीं गिनती नही है।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अगर मोदी और अरविंद सरकार शराब की दुकानों, बार, मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, होटल और अन्य ऐसे प्रतिष्ठानों को संचालित करने के लिए लॉकडाउन के मानदंडों के अनुसार अनुमति दे सकते हैं, तो सड़क पर साप्ताहिक बाजार लगाकर अजीविका कमाने वालों को अनुमति न देने का कोई कारण नहीं है।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि दिल्ली के लोगों को अब कोविड-19 महामारी के साथ सामान्य रुप से रहने आवश्यकता महसूस करने लगे है और साप्ताहिक बाजारों में खरीदारी करते हुए आवश्यक सावधानी बरतेंगे। साप्ताहिक बाजारों में सभी जरुरत की वस्तुएं सस्ते दामों पर उपलब्ध होती है, जिसका लाभ विक्रेताओं और खरीदार को समान रुप से मिलता है।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यदि सरकार चाहे, तो साप्ताहिक बाज़ारों को कुछ प्रतिबंधों के साथ अनुमति दे सकती है, और सरकार कोविड के दिशानिर्देशों का पालन को सुनिश्चित करने के लिए साप्ताहिक बाज़ारों में मार्शलों को लगा सकती है, जो सभी के लिए फायदेमंद होगा। अनिश्चित काल के लिए साप्ताहिक बाज़ारों को बंद रखने से किसी भी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी, क्योंकि कोविड महामारी पूरी तरह से अभी दूर-दूर राहत नहीं मिलने जा रही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *