दीन दयाल / श्याम लाल शर्मा
Onion Export Ban / Central Government / Shard Pawar Chief NCP Leader
नई दिल्ली / मुंबई , 15 सितंबर। केंद्र सरकार सोमवार को अचानक प्याज के भाव तेज होते देख प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है। प्याज तो लाल हो रही है मगर मंगलवार को ऐसा लगा कि प्याज के साथ -साथ नेता भी लाल हो गए है। मुंबई से एनसीपी प्रमुख शरद पंवार ने कहाकि केंद्र सरकार के निर्यात पर रोक लगाने के निर्णय पर एक बार पुन : विचार करना चाहिए। गौरतलब है कि महाराष्ट्र की प्याज मंडी में प्याज का भाव 30, 000 रुपए क्विंटल पर है और इस्का रिटेल भाव 35 – 45 रुपए चल रहा है। यही बड़ा कारण है कि मोदी सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है, मगर निर्यात पर रोक के बहाने नेता किसानों को आगे रखकर कह रहे है कि सरकार के इस फैसले से किसान नाराज है पिछले महीने तक प्याज का रिटेल भाव 15 – 20 रुपए था। किसान कह रहे है प्याज किसानो को अब जाकर सही भाव मिला है और पीछे तो किसान नुकसान उठा रहे थे। गौरतलब है कि दुनियाभर में भारत में सबसे ज्यादा प्याज का उत्पादन और खेती होती है। जबकि श्रीलंका , मलेशिया , बंगलादेश और नेपाल जैसे देश भारत पर निर्भर करते है और यदि ऐसे में निर्यात रोक दिया तो इसका लाभ पाकिस्तान को मिल सकता है। एक बात और कर्नाटक और आंध्रप्रदेश में ज्यादा बारिश से प्याज की फसल को बड़ा नुकसान हुआ है और मंडियों में प्याज की आवक कम हो गई है। प्याज का उत्पादन प्रमुख रूप से 6 राज्यों में होता है। 50 प्रतिशत प्याज तो भारत की 10 मंडियों से आता है, इनमें से 6 तो महाराष्ट्र और कर्नाटक में हैं।
मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पंवार ने केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल से बात की और कि महाराष्ट्र में किसान सरकार के फैसले से नाराज है। किसानो का कहना था कि पिछले काफी समय से किसान प्याज की खरीद में बड़ा नुकसान उठा रहे है और अब जाकर उन्हें प्याज के अच्छे दाम मिल रहे है तो केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है। पंवार ने ट्वीट करते हुए कहाकि सरकार के इस निर्णय ने प्याज उगाने वाले क्षेत्र में इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और उन लोगों ने मुझसे फोन पर बात की है और केंद्र सरकार को अवगत कराने के लिए कहा है। शरद पंवार किसानो के साथ -साथ वहां की राजनैतिक पार्टियों की भी अगवाई कर रहे है। शरद से इसको इस लिहाज से भी समझाने की कोशिश की कि यदि सरकार ने अपने निर्णय पर पुनर्विचार नहीं किया तो खाड़ी देशों में प्याज के सप्लाई के मामले में पाकिस्तान भारत की जगह ले लेगा। कहीं ऐसा तो नहीं कि शारद पंवार किसानो के बहाने प्याज माफियाओं के इशारे पर नाच रहे है। बहरहाल इतना तो तय है फिलाल प्याज के भाव कम होने वाले नहीं है यदि केंद्र सरकार इस मामले में कोई बड़ा कदम उठाती है और प्याज माफिया उसके दवाब में प्याज के दाम गिरा सकते है। फिलाल प्याज की बड़ी कीमते आम आदमी की आंख से आँसू निकालते रहेंगे।