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डिजिटल मीडिया एसोसिशन ने हाथरस में मीडिया के साथ प्रशासन की बदसूलकी की कड़े शब्दों में निंदा की। पीएम करें हस्तक्षेप

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Hathras Rape and Death Case

नई दिल्ली , 02 अक्टूबर। डिजिटल मीडिया एसोसिएशन ने हाथरस के डीएम और पुलिस अधिकारियो की ओर से मीडियाकर्मियों के साथ मीडिया कवरेज करते हुए बदसूलकी किए जाने की कड़े शब्दों में निंदा की है। आखिरकार क्या कारण है कि हाथरस की बेटी अब हमारे बीच नहीं रही। उसकी मौत के लिए हाथरस प्रशासन और यूपी सरकार सीधे तौर पर जिम्मेदार है।  डिजिटल मीडिया एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि इस पुरे मामले में स्थानीय प्रशासन , सीएम योगी आदित्या नाथ को गुमराह कर रहा है या फिर सीएम के आदेश की नीचे तमिल कर रहे है।  इस मामले में कोरी लीपा -पोथी के आलावा कुछ नहीं हो रहा।  मीडिया को वहां जाने से रोका जाना एक साजिश है और मिडिया के साथ बदसूलकी घोर निंदनीय है।  इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी को सीधा हस्तक्षेप करना चाहिए।

 

डिजिटल मीडिया एसोसिएशन ने कहाकि 14 सितंबर घटना के बाद क्यों हाथरस के डीएम और एसपी सोते रहे ? और 29 सितंबर को निर्भया की मौत हो गई  क्यों निर्भया को न्याय नहीं मिला।  क्यों पत्रकारों को निर्भया के माँ – बाप से और उनके परिवार से मिलने से रोका जा रहा है।  क्यों मीडिया को धमकी दी जा रही आखिर यूपी सरकार और हाथरस प्रशासन को डरा है ? देश जानना चाहता है कि वह कौन सी सच्चाई है जिसे सरकार दबाना चाहती है। प्रशासन की इस मामले में कोताही पुरे देश के सामने आ गई है और यूपी के सीएम प्रशासन पर कड़ी कार्यवाही करने की बजाए मामले को लंबा खीच रहे है आखिर सरकार किसको बचाने का काम कर रही है।  आरोपियो को या फिर अपने डीएम और एसपी ? जो कि सरे आम गांव वालों और पीड़ित परिवार को धमकी दे रहे है कि मीडिया वाले तो कल चले जाएंगे ? फिर कल यहाँ प्रशासन ही रहेगा।  यह सीधा -सीधा पीड़ित परिवार को और मीडिया को खुलेआम धमकी दी जा रही है।

डिजिटल मीडिया एसोसिएशन ने यूपी सरकार की कार्यवाही पर सवाल उठाए है कि पहले कोताही के लिए डीएम पर कार्यवाही होनी चाहिए।  मगर सरकार ने लीपा – पोथी करते हुए
एसपी , डीएसपी और इंस्पेक्टर पर कार्यवाही की है।  यदि मीडिया सच नहीं दिखता तो यूपी  सरकार आंख बंद कर बैठी रहती। हाथरस में धारा 144 स्थानीय प्रशासन अपनी कमियां छुपाने के लिए लगा रहा है उन्हें मीडिया से क्या खतरा है जो रिपोर्टिंग करने से रोक रहे है।  पत्रकार देश के सामने सच लाना चाहते है। मीडिया अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से निभा रहा है और इस मामले की तह तक जाना चाहता है फिर स्थानीय प्रशासन पीड़ित परिवार और मीडिया के बीच दीवार क्यों बन रहा है। डिजिटल मीडिया एसोसिएशन ने इस पुरे मामले में यूपी सरकार और स्थानीय प्रषासन की घोर निंदा की है।  इसके साथ है प्रेस काउंसिल से मांग की है इस पुरे मामले में संज्ञान लेते हुए जो पत्रकारों और मीडिया के साथ बदसूलकी हुई है इसका जवाब भारत सरकार और राज्य सरकार से लेना चाहिए।

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