रेशम दयाल
नई दिल्ली , 21 जून। दिल्ली प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने दिल्ली में बढ़ती मंहगाई के लिए केजरीवाल-मोदी सरकार को दोषी बताते हुए पेट्रोल- डीजल पर टैक्स कम करने की माँग किया है। उन्होने कहा कि मंहगे पेट्रोल-डीजल का असर गरीबों पर सबसे अधिक होता है। क्योंकि आमदनी के अनुपात में सबसे अधिक टैक्स गरीबों को देना होता है।
चौधरी अनिल कुमार ने दावा किया कि दिल्ली संसोधित वैट कानून-2016 में अधिकतम 30% वैट टैक्स वसूली का प्रावधान है, दिल्ली में आम आदमी का सरकार होने का दावा करने वाले केजरीवाल पेट्रोल पर अधिकतम वैट टैक्स लगा वसूली कर रही है। उन्होने केजरीवाल सरकार पर जनता का जेब खाली कर सरकार की तिजोरी भरने का आरोप लगाते हुए कहा कि चूंकि दिल्ली सरकार को पेट्रोल पर इससे अधिक टैक्स लगाने के लिए कानून में संसोधन करने होंगे इसलिए केजरीवाल 30% की टैक्स सीमा से अधिक टैक्स नहीं लगा रहे है। वरना गरीब विरोधी केजरीवाल इससे भी नहीं चूकते। उन्होने पेट्रोलियम विभाग के आँकड़े का हवाला देते हुए कहा कि पिछले 7 वर्षों के दौरान केजरीवाल सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों पर वैट टैक्स लगा 25,000 करोड़ रुपए अपनी तिजोड़ी में डाले है।
चौधरी अनिल कुमार ने केजरीवाल सरकार से वैट टैक्स पर छूट देने की माँग करते हुए सीएमआईई के आँकड़े के हवाले से कहा कि 45.6% बेरोजगारी दर के साथ, इस समय देश में सबसे अधिक बेरोजगारी की दर दिल्ली में है। कोरोना महामारी के कारन सबसे अधिक नुकसान दिल्ली के आम जनता का हुआ। उन्होने दावा किया कि केजरीवाल सरकार के द्वारा जारी विवादित सरकारी मृत्यु के आँकड़े के अनुसार भी दिल्ली प्रति लाख जनसंख्या पर कोरोना से हुए मृत्यु में देश में नंबर एक है। उन्होने कहा कि जब लोगों के पास रोजगार नहीं है, जिनके पास रोजगार है उनकी तंख्वाह कम हो गई है, ऐसे में सरकार को जनता को राहत देने की जगह टैक्स पर टैक्स वसूली कितना उचित है।
चौधरी अनिल कुमार ने पूर्व कॉंग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के द्वारा ट्वीट कर मोदी सरकार को टैक्स वसूली में ‘पीएचडी’ करने के आरोप को वाजिब बताते हुए कहा कि कोरोना महामारी के पहले से मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल के माध्यम से टैक्स वसूली कर बोझ गरीबों पर डाल रही है । उन्होने आँकड़े के हवाले से कहा कि कॉर्पोरेट टैक्स जीडीपी की तुलना में वर्ष 2017-18 में 3.34% थे जो पिछले वर्ष 2020-21 में घटकर 2.32% हो गए है। मोदी सरकार ने कोरोना काल में अमीरों व कॉर्पोरेट की जगह गरीबों से पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगा वसूली किया। उन्होने कहा कि मंहगे पेट्रोल-डीजल का असर गरीबों पर सबसे अधिक होता है। क्योंकि आमदनी के अनुपात में सबसे अधिक टैक्स गरीबों को देना होता है। उन्होने कहा कि राहुल गाँधी हमेशा से गरीबों व वंचितों की आवाज़ को मुखरता से उठाते रहे है।