Kisaan Bill 2020 / Delhi Congress Demonstration
नई दिल्ली, 22 सितंबर। दिल्ली कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मोदी सरकार द्वारा संसद में किसान विरोधी बिल पास करने के विरोध संसद भवन का घेराव किया, जबकि मोदी सरकार विपक्षी दलों की कड़ी आपत्ति के बावजूद देश में अन्य व्यवसायिक क्षेत्रों की तर्ज पर कृषि क्षेत्र को भी निजी हाथों में सौंपने की बोली लगा दी।
कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदेश अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार के नेतृत्व में जब अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय भवन के बाहर एकत्रित होकर भाजपा विरोधी नारे लगाते हुए संसद भवन की ओर कूच करने लगे तभी भारी पुलिस बल के साथ दिल्ली पुलिस द्वारा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया और मंदिर मार्ग थाने ले जाया गया।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार दिल्ली पुलिस द्वारा दमनकारी नीति अपना कर राजनीतिक पार्टियों के विरोध करने लोकतांत्रिक अधिकार दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा किसानों के लिए लाया गया बिल किसान विरोधी है, जिससे किसान बर्बाद हो जाएगा जो पहले से ही कोविड-19 महामारी के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। प्रदर्शन में प्रदेश अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार के अलावा पूर्व सांसद कृष्णा तीरथ, प्रदेश उपाध्यक्ष जय किशन, मुदित अग्रवाल, और शिवानी चोपड़ा, पूर्वी दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस नेता कु0 रिंकू, पूर्व विधायक अमरीश गौतम, वीर सिंह धींगान, विजय लोचव, जिला अध्यक्ष हरी किशन जिंदल, मौहम्मद उस्मान, कैलाश जैन, विरेन्द्र कसाना, मदन खोरवाल, गुरचरण सिंह राजू, विष्णु अग्रवाल, दिनेश कुमार एडवोकेट एवं राजेश जैन, अमृता धवन, डा0 नरेश कुमार,प्रवीण राणा मौजूद थे।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस व अन्य पार्टियों की राय पर कोई विचार किए बिना मोदी सरकार ने संसद में तानाशाही तरीके किसान बिल पास करवाकर किसानों की आवाज को कुचल दिया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने इस बिल के द्वारा उत्पाद के न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ प्रतिस्पर्धी कीमतों पर अपने उत्पादों को बेचने की स्वतंत्रता किसानों से छीन ली है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस किसानों की आवाज को मजबूती से तब तक उठाती रहेगी जब तक यह किसान विरोधी बिल पास नही लिया जाता। उन्होंने कहा कि जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है उसका एक मात्र एजेन्डा रहा है, गरीबों की कीमत पर अपने अमीरों दोस्तों की जेब भरना रहा है, नोटबंदी की शुरुआत के साथ कई अन्य नीतिगत निर्णय लिए गए जैसे रक्षा क्षेत्र में नीजि क्षेत्र में रास्ते खोलने और कुछ लाभदायक रेलमार्गो पर निजीकरण करना आदि शामिल है। उन्होंने कहा कि भाजपा की मोदी सरकार के जन विरोधी निर्णयों के विरोध में कांग्रेस पार्टी मूक दर्शक बनकर नही बैठने की बजाए हर स्तर पर विरोध दर्ज कराऐगी।
चौ0 अनिल कुमार ने आश्चर्य जताया कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने किसान विरोधी विधेयकों पर क्यों चुप्पी साधे है। उन्होंने कहा कि केवल “छह किसानों ने आप पार्टी की बहुप्रचारित योजना एमएसपी को बढ़ाने के लिए लाभ उठाया है“। दिल्ली के किसानों का कहना है कि उन्हें केंद्रीय एमएसपी से भी कम दामों पर अपना गेहूं बेचने के लिए मजबूर किया जा रहा है, और यह पिछले साल में अरविंद सरकार द्वारा की गई घोषणाओं के विपरीत है, जब उन्होंने “मुख्मंत्री किसान मित्र योजना” की घोषणा की थी । इस योजना के तहत, दिल्ली में लगभग 20,000 किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का लाभ उठाना था, जो कि केंद्र द्वारा निर्धारित की गई तुलना में अधिक था, लेकिन दिल्ली के किसानों को वास्तव में इस योजना से कोई लाभ नहीं हुआ।