दीन दयाल
नई दिल्ली, 20 जनवरी। दिल्ली के विज्ञानं भवन में बुधवार को कृषि बिलों के खिलाफ किसान संगठनों के नेताओँ और केंद्र सरकार के बीच दसवें दौर की बातचीत हुई और आज की बैठक में सरकार की तरफ से बड़ा ऑफर किसानों को दिया गया कि सरकार डेढ़ साल के लिए कृषि बिलों को स्थगित कर देगी और किसान संगठनों और सरकार की तरफ से एक कमेटी बनाकर कृषि कानूनों पर विचार कर अंतिम निर्णय लेंगे। ऐसा लगता है बुधवार की बैठक सही दिशा में जाती दिख रही है।
सरकार की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उम्मीद जताई कि आज की बैठक सही दिशा सार्थक रही है। सरकार की तरफ से किसानों को दिया गया ऑफर एक सकारात्मक कदम है। हालांकि किसान संगठनों की तरफ से इस ऑफर पर कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई है। उनका कहना है कि इस आंदोलन में 500 संगठन शामिल है और उनसे गुरुवार को सरकार के ऑफर पर चर्चा होगी। उसके बाद 22 जनवरी को अगली बैठक में सरकार को किसान संगठनों के निर्णय को बता दिया जाएगा। बुधवार को दोपहर 2 बजे दिल्ली के विज्ञानं भवन में सरकार और किसान संगठनों के बीच बैठक शुरू हुई। बैठक में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानो को गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पर्व की बधाई दी उधर किसान नेता राज्यपाल ने भी सभी मंत्रियों और अफसरों को प्रकाश पर्व की शुभकानाएं दी। बैठक बाद किसानों ने बताया कि सरकार ने किसान बिल को डेढ़ साल के लिए स्थगित रखने की पेशकश की है इस पर किसानों ने कहाकि किसान बिल को स्थगित रखने का कोई मतलब नहीं है। तीनों कृषि बिल रद्द होने चाहिए। सरकार और किसान संगठनों के बीच 22 जनवरी को 11 वे दौर की बातचीत फिर होगी। किसान सरकार की तरफ से दिए गए ऑफर पर अपनी राय बैठक में बतांएगे। हालांकि सरकार की तरफ से बुधवार को कहा गया कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में इस बिल को लेकर हलफनामा दायर करने को तैयार है।