दीन दयाल
नई दिल्ली , 07 नवंबर। शनिवार को बिहार विधान सभा के लिए अंतिम दौर मतदान खत्म हो गया। 78 सीटों पर वोटिंग हुई। आखिरी चरण में 1204 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम मशीन में बंद हो गया है। अब सबकी नजर 10 नवंबर पर जाकर टिक गई है। सभी 243 सीटों की गिनती होगी और उस दिन तय होगा कि बिहार की जनता ने इस बार अपना क्या फैसला सुनाया है। हालांकि एनडीए एक बार फिर से नीतीश की अगुवाई में वापसी का दावा ठोक रहा है तो दूसरी तरफ महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव बिहार में परिवर्तन की बात कह रहे है। शनिवार को अंतिम चरण के मतदान के बाद एग्जिट पोल भी सामने आ गए है। एग्जिट पोल की माने तो बिहार में इस बार किसी भी गठबंधन को बहुमत नहीं मिलने जा रहा है। गौरतलब है कि शनिवार को एबीपी और टाइम नाउ के एग्जिट पोल ने राजनैतिक पार्टियों की नींद उड़ा दी या यह कह लें कि लोगों की धड़कने बढ़ा दी है। तो कुछ एग्जिट पोल में दोनों गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला है। यानि कांटे की टक्कर है।
एबीपी न्यूज़ सी वोटर
एनडीए : 116 सीटें
महागठबंधन : 120 सीटें
एलजेपी : 01 सीट
अन्य : 06 सीटें
भास्कर एग्जिट पोल
एनडीए : 120 – 127 सीटें
महागठबंधन : 71 -81 सीटें
एलजेपी : 12 – 23 सीटें
अन्य : 19 – 27 सीटें
रिपब्लिक + जन की बात
एनडीए : 91 – 117 सीटें
महागठबंधन : 118 – 138 सीटें
एलजेपी : 05 – 08 सीटें
अन्य : 03 – 06 सीटें
टीवी 9 भारत वर्ष
एनडीए 110 – 120 सीटें :
महागठबंधन : 115 – 125 सीटें
एलजेपी : 03 – 05 सीटें
अन्य : 10 -15 सीटें
न्यूज़ 18 इण्डिया – चाणक्य
एनडीए : 55 सीटें
महागठबंधन : 180 सीटें
एलजेपी : 00
अन्य : 84 सीटें
बिहार में अंतिम चरण के मतदान के बाद एग्जिट पोल का सन्देश माने तो बिहार में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने जा रहा है। वहीँ यह बात सामने आ रही है कि महागठबंधन को एनडीए से ज्यादा सीटें की संभावना दिखाई गई है। एग्जिट पोल के मुताबिक बिहार में त्रिशंकु सरकार हो सकती है। एनडीए को एलजेपी के जाने से नुकसान हो रहा है। एलजेपी की सरकार बनवाने में अहम् भूमिका हो सकती है।
2015 चुनाव परिणाम
243 सदस्यीय सदन में 178 सीटें जीतकर महागठबंधन ने जहां अपना किला मजबूत किया। वहीं अपना सब कुछ दांव पर लगाकर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ सिर्फ 58 सीटें लगीं। सबसे ज्यादा 80 सीटें लालू यादव की पार्टी राजद को मिलीं. नीतीश की जेडीयू को 71 और कांग्रेस को 27 सीटें मिलीं. महागठबंधन की ओर से नीतीश कुमार सीएम बनाए गए थे लेकिन बाद में नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग हो गए थे और उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाई थी।
2020 में कुछ ऐसे हैं समीकरण
एनडीए की ओर से जहां नीतीश कुमार सीएम पद के उम्मीदवार हैं तो वहीं महागठबंधन ने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव को सीएम कैंडिडेट बनाया है. एनडीए की ओर से जेडीयू 115 सीटों पर, बीजेपी 110 सीटों, पूर्व सीएम जीतनराम मांझी की पार्टी हम 7 सीटों पर और मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी 11 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। वहीं, महागठबंधन की ओर से आरजेडी 144 सीट पर, कांग्रेस 70 सीटों, सीपीआई-माले 19 और सीपीआई 4 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. साथ ही, एनडीए से अलग होने के बाद दिवंगत नेता रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी ने अकेले ही बिहार में 143 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।