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Karva Chauth 2020: जानें सुहागिनों के लिए करवा चौथ व्रत का शुभ मुहूर्त और नियम, कैसे करें पूजा ?

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रेशम दयाल

नई दिल्ली , 03 नवंबर। करवा चौथ  ( Karva Chauth 2020 ) इस वर्ष 4 नवंबर को मनाया जाएगा। इसके चलते बाजारों में चहल – पहल और रौनक बढ़ गई है।  हिंदू रीति रिवाज के मुताबिक पत्नी अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन के मनाया जाएगा। करवा चौथ व्रत की विधि और नियम इस तरह है।

व्रत विधि

करवा चौथ का व्रत सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती है।  गौरतलब है कि यह व्रत काफी कठिन होता है क्योंकि पुरे दिन सुहागिनें निर्जला व्रत रखती है।  शाम को जब चाँद उदय के पश्चात उसको जल अर्पित किता जाता है। हिंदू रीति के अनुसार पति के हाथ से निवाला खाकर पत्नी व्रत खोलती है।  महिलाऐं पुरे दिन पूजा , भजन , सत्संग , प्रार्थना पति की लंबी उम्र के लिए करती है।  महिलाऐं करवा चौथ व्रत के साथ -साथ चौथ माई , गणेश भगवान , शिव – पार्वती माँ की पूजा अर्चना करते है। इसके साथ ही इस दिन विशेष तौर पर वीरावती की कहानी सुनी जाती है , बताया जाता है कि वीरावती ने काल के मुँह से अपने पति को वापस ले आती है।

व्रत के नियम

सुहागिन महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत विशेष महत्व रखता है।  सुहागिन महिलाऐं शादी के बाद 12 से 16 वर्षो तक निरंतर करवाचौथ का व्रत रखती है।  सुहागिनों को श्रंगार का पूरा सामान पूजा के समय रखना चाहिए।  पूजा में एक मीठा और एक मिटटी का करवा होना चाहिए।  मिटटी के करवें से शाम को चंद्रमा को अर्ध्य दिया जाता है।  चंद्रमा के उदय  के बाद जल अर्पित करें।  छलनी से पति को चाँद के सामने रखकर छलनी से पति का चेहरा देखे। उसके उपरांत पति के हाथ से निवाला खाकर व्रत पूर्ण किया जाता है।  पति – पत्नी को खुश रखने के लिए कोई भी उपहार दे सकते है। इसके साथ ही भगवान् गणेश , शिव -पार्वती का ध्यान रखते हुए परिवार के साथ भोजन ग्रहण करे।  इस तरह सुहागिनों का करवाचौथ पर पर्व पूर्ण किया जाता है।

शुभ मुहूर्त पूजा का शुभ मुहूर्त :

4 नवंबर  2020 , बुधवार शाम 5 बजकर 34 मिनट से शाम 06 बजकर 52 मिनट तक  है। चंद्रोदय शाम 7 बजे के बाद होगा।

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