नई दिल्ली / फरीदाबाद, 17 जुलाई। शनिवार को सीएम मनोहर लाल खट्टर फरीदाबाद के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एफएमडीए की मीटिंग में पहुंचे। इस मीटिंग में पत्रकारों को भी आमंत्रित किया गया था। लेकिन बैठक के दौरान पत्रकारों को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई। ऐसे में सवाल यह उठता है कि फिर पत्रकारों को क्यों आमंत्रित किया गया था ? पत्रकारों को घंटों इस मीटिंग से दूर रखा गया क्यों ? फिर कुछ सेकण्ड के लिए उन्हें अंदर जाने का क्या मतलब है ? है इसका कोई जवाब ? शायद मुख्यमंत्री जी अधिकारियों के साथ कुछ ऐसी घोषणाएं करने वाले हैं। जिससे फरीदाबाद विकास की होड़ में देश में नंबर वन स्थान पर होगा। लेकिन वह इन घोषणाओं से जनता को रूबरू नहीं कराना चाहते। ऐसा लग रहा है जैसे आगामी समय में शायद मुख्यमंत्री फरीदाबाद की जनता को सरप्राइज़ देने वाले है।
दरअसल, आज प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर फरीदाबाद में एफएमडीए की मीटिंग की अध्यक्षता करने पहुंचे। इस मीटिंग से पत्रकारों को पूर्ण रूप से दूर रखा गया। घंटो इंतजार के बाद मीडिया को कुछ सेकंड के लिए अंदर जाने दिया गया। आश्चर्य की बात तो यह है कि इस मीटिंग से मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य और फरीदाबाद के एपीआरओ को भी दूर रखा गया। वह भी पत्रकारों के साथ मीटिंग हॉल के बाहर घंटो खड़े रहे। सीएम सिक्योरिटी द्वारा उन्हें अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया। इस पर एक पत्रकार ने उनसे चुटकी लेते हुए जब पूछा कि “अमित आर्य जी आपको भी अंदर नहीं जाने दिया गया तो इस पर उन्होंने बेबस होते हुए जवाब दिया कि मुझे भी अंदर प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है।
इसे देखकर ऐसा लगता है जैसे शायद मुख्यमंत्री जी और जिले के प्रशासनिक अधिकारी मिलकर फरीदाबाद के संपूर्ण विकास के लिए कुछ ऐसी खिचड़ी पका रहे है। जिसे वह मीडिया के माध्यम से फरीदाबाद की जनता तक नहीं बांटना चाहते है। फरीदाबाद का कितना विकास होगा वह भविष्य की बात है। लेकिन पत्रकारों के साथ ऐसा व्यवहार उन्हें हजम नहीं हो रहा है। मीटिंग में अंदर जाने की अनुमति न मिलने से कुछ पत्रकार नाराज होकर वापस चले गए कुछ अपने गुस्से का इजहार करते हुए यह कहते नजर आए कि “जब खबर नहीं करानी होती तो बुलाते क्यों है”।