दीन दयाल
नई दिल्ली , 09 जनवरी। शुक्रवार को तीनों कृषि बिल के मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच बैठक बेनतीजा रही और अगली बैठक 15 जनवरी को होगी। जबकि किसान नेता 8 वीं दौर की बैठक में तीनों कृषि बिलों को रद्द करने की मांग पर अड़े रहे। गौरतलब है कि 11 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होनी है , दोनों पक्षों को इस सुनवाई का इंतजार है कि कोर्ट का इस पर क्या रख रहता है। इस बीच केंद्र सरकार ने कृषि बिल को रद्द करने से साफ इंकार कर दिया है। शुक्रवार को बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर , रेल मंत्री पियूष गोयल , राज्य मंत्री सोम प्रकाश और 40 किसान नेताओं के संगठन शामिल हुए।
बताया जा रहा है कि किसानों के साथ चली एक घंटे की बैठक में पहले तो किसान चुप रहे मगर सरकार के रुख के बाद किसानों ने सरकार से साफ कह दिया है कि तीनों कृषि बिल रद्द होने की मांग पर किसान कायम है बैठक में किसान नेताओं और सरकार के मंत्रियों की शुक्रवार को काफी गरमा गर्मी भी हुई। एक बार तो सभी मंत्री बैठक से उठ कर बाहर चले गए। किसानो ने आज की बैठक में नारे लिखे पर्चे भी लहराए .हालांकि सरकार की तरफ से दावा किया जा रहा है कि किसानों का समूह ने सरकार के इन तीनों कृषि बिलो का स्वागत किया है।
सूत्रों की हवाले से बताया गया कि आज सरकार को किसान नेताओं ने दो टूक कह दिया कि वह किसानों का समय खराब न करे। किसान नेता पहले तो खामोश रहे लेकिन बाद में नारे लिखे पर्चे हवा में लहरा दिए। जिन पर लिखा था ” जीतेंगे या मरेंगे ” ऐसे हालत देख तीनों मंत्री बैठक से बाहर निकल गए। किसान जहाँ एमएसपी पर कानून बनाने की बात कर रहे है तो वही 26 जनवरी को परेड करने की साफ चेतावनी सरकार को दे दी है इसकी रिहर्सल गुरुवार को किसान नेताओं ने दिखा दी है। किसान नेता किसी भी हालत में आंदोलन वापस लेने के मुंड में नहीं है। सरकार ने 9 वे दौर की बातचीत के लिए किसान नेताओ को 15 जनवरी को फिर से बुलाया है। और शुक्रवार की बैठक भी पहली की तरह बेनतीजा रही।