विजय कुमार
DSA / FD Football
नई दिल्ली,26 अगस्त। अपराध जगत में आप ने एक ही व्यक्ति को दो नाम सुने होंगे। लेकिन अगर ऐसा किसी खेल संस्थाा के साथ हो रहा हो तो आप क्या कहेंगे। जी हां ऐसा ही देखने को मिल रहा है दिल्ली साॅकर एसोसिएशन डीएसए DSA और FD फुटबाल दिल्ली एफडी नाम वाली संस्था का। असल में इन दोनों ही संस्था के अध्यक्ष एक ही है, जिसका नाम कागजों में शाजी प्रभाकरन है। डीएसए द्वारा 2017 के चुनावों में इन को अध्यक्ष पद पर चुना गया था। मगर इन्होंने डीएसए का नाम बदल कर फुटबाल दिल्ली कर लिया।
इसके लिए बकायदा प्रैस वार्ता भी की गई। जिसमें डीएसए के नाम को बदलकर फुटबाल दिल्ली करने की घोषणा कर दी गई। लेकिन यह तीन साल के अपने कार्यकाल में अब तक फुटबाल दिल्ली को पुरानी संस्था डीएसए का नाम नहीं दे पाए है। यहीं नहीं कोशिश तो उन्होंने आॅल इंडिया फुटबाल महासंघ में भी डीएसए के नाम के स्थान पर फुटबाल दिल्ली करने का अनुरोध किया। मगर डीएसए के पदाधिकारियों के विरोध के चलते महासंघ ने नाम बदलने से मना कर दिया। वहीं से दिल्ली साॅकर एसोसिएशन के पदाधिकारियों में रोष पैदा होना शुरू हो गया। इसको लेकर कई पदाधिकारियों अध्यक्ष महोदय से नाम बदलने के पीछे का कारण भी जानना चाह, जिसका जवाब आज तक नहीं मिला।
दिल्ली साॅकर एसोसिएशन के सीनियर उपाध्यक्ष हेमचंद का कहना है कि जिस चुनावों में जीतकर शाजी प्रभाकरन आए थे, तब उन्होंने कहा था कि फुटबाल दिल्ली नाम खेल को पेशेवर बनाने के लिए बदला जा रहा है। लेकिन फुटबाल तो पेशवर नहीं बनी। बल्कि संस्था के कुछ अधिकारी पेशवर जरूर बनते दिखाई दे रहें है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में फुटबाल दिल्ली के नाम से वेबसाइट चल रही है। लेकिन दिल्ली साॅकर एसोसिएशन की अपनी अलग पहचान दिल्ली फुटबाल जगत में है। वेवसाइट में गलत जानकारी डाली गई है। दिल्ली में अगर कोई संस्था फुटबाल को देखती है तो वह दिल्ली साॅकर एसोसिएशन है। फुटबाल दिल्ली का इससे कोई लेना देना नहीं है। वहीं दिल्ली साॅकर के नाम से ही बैंक में खाता और महासंघ से मान्यता मिली हुई है।
डीएसए के कुछ पदाधिकारी सवाल उठा रहें है कि फुटबाल दिल्ली कहीं भ्रष्टाचार का अडडा तो नहीं बन गई है। क्योंकि उसका अस्तित्व ही नहीं है तो वह चल कैसे रही है, उसको तुरंत बंद किया जाना चाहिए। सीनियर उपाध्यक्ष ने बताया कि आने वाले चुनावों में क्लब के पदाधिकरी यह मुददा बनने वाला है कि किस आधार पर दिल्ली साॅकर एसोसिएशन का नाम फुटबाल दिल्ली किया गया है। जबकि वह खूद एक ब्रांड है, और एसोसिएशन की मान्यता व बैंक एकाउंट सभी पुराने नाम से चल रहें है,तो उसको छेडने का क्या मतलब! कहीं नाम बदलने के पीछे भ्रष्टाचार तो नहीं !