दीन दयाल
Rajya Sabha / Congress Party
नई दिल्ली , 22 सितंबर। मंगलवार को कांग्रेस की अगवाई में विपक्ष ने राज्य सभा की कार्यवाही का बायकाट किया। विपक्ष ने सरकार को साफ संकेत दे दिए है कि जब तक 8 निलंबित सदस्यों का निलंबन वापस नहीं लिया जाता तब तक सदन की कार्यवाही का बहिष्कार जारी रहेगा। संसद परिसर में निलंबित चल रहे सदस्यों का धरना भी मंगलवार को खत्म कर दिया गया। इसके जवाब में सरकार की तरफ से कहा गया कि सदन में अमर्यादित आचरण के लिए निलबित सदस्यों को माफ़ी मांगनी चाहिए। मंगलवार को जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई सबसे पहले कांग्रेस ने कार्यवाही का बहिष्कार किया। उसके बाद माकपा , भाकपा , तृणमूल कांग्रेस , राकपा , सपा , शिवसेना , राजद , द्रमुक , आप आदि दलों के सदस्य सदन से बाहर चले गए। इससे पहले विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने 8 सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग की , साथ ही सरकार के सामने 3 मांगे रखी। ऐसा लग रहा है कृषि बिल पर सरकार और विपक्ष अपनी -अपनी रणनीति बना चूका चूका है। दोनों ही तरफ से टकराव जारी है।
विपक्ष की तरफ से मांग राखी गई कि सरकार दूसरा विधेयक लेकर आए और यह तय सुनिश्चित करें कि निजी कंपनियां किसानो की फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमतों पर न खरीदें . विपक्ष के नेता श्री आज़ाद ने मांग की कि एमएसपी को स्वामीनाथन कमेटी के फॉर्मूले के हिसाब से निर्धारित किया जाना चाहिए और निजी कंपनीयोन के साथ भारतीय खाद्य निगम एफसीआई के लिए भी अनिवार्य हो कि वह कम कीमत पर किसानों की उपज न ख़रीदे।
विपक्ष व् कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने साफ कर दिया कि जब तक मानसून सत्र के लिए निलंबित सदस्यों का निलंबन वापस नहीं होता और विपक्ष की तीनो मांगे सरकार नहीं मन लेती तब तक सदन की कार्यवाही का बहिष्कार जारी रहेगा। उधर विपक्ष की मांग पर सरकार ने भी कडा रुख अख्तियार कर रखा है सरकार का साफ कहना है कि रविवार को सदन में जो विपक्ष के सदस्यों ने किया बेहद निंदनीय है और इसके लिए सदस्य मांफी मांगे . गौरतलब है कि रविवार को राज्य सभा में कृषि बिल पर विपक्ष और सरकार अड़ गए और विपक्ष के सदस्य वेळ में आ गए और उप सभापति के आसान के समीप आ गए और माइक तोड़ दिया और धक्का -मुक्की भी की गई। सदन में इस तरह के व्यवहार से सभापतिखाफी नाराज दिखे और सोमवार को इसके लिए दोषी सदस्यों को सदन से 7 दिन के लिए निलंबित कर दिया। विपक्ष ने इस कार्यवाही का विरोध किया और संसद परिसर में धरना दिया। मंगलवार को निलंबित सदस्यों ने धरना समाप्त कर दिया। लेकिन निलंबन वापसी तक सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। बहरहाल दोनों तरफ से टकराव बना हुआ है अब देखना यह है कि क्या निलंबित सदस्यों का निलंबन वापस होता है या नहीं या फिर मानसून सत्र के ख़त्म होने तक दोनों तरफ टकराव जारी रहता है।